स्व. श्री गणेशजी भाईसाहब प्रेरणा स्त्रोत भक्ति एवं शक्ति की प्रतीक राजस्थान की धरती शिक्षा, संस्कृति एवं समर्पण के क्षेत्र में अग्रणी रही है। इसी परम्परा को आगे बढाने के लिए एक समर्पित शिक्षाकर्मी स्व. श्री गणेशचन्द्र सेक्सना ने बड़ायली ग्राम में एक शिक्षण संस्था की स्थापना की थी। आपका जन्म नागौर जिले के मारवाड़ मूण्डवा कस्बे में 05 सितम्बर 1935 को हुआ। इनके पिता का नाम श्री छोटेलाल जी एवं माता का नाम कलावती देवी था। गणेश जी को स्कूली शिक्षा मारवाड़ मूण्डवा में ही मिली इसके पश्चात् उच्च शिक्षा के लिए आप अजमेर व सरदारशहर गए। यहाँ से बी.एड. करते ही आपका चयन केन्द्रीय शिक्षा सेवा के गरिमामय पद पर हो गया। तदन्तर आपका पद स्थापन नेफा में चांगलांग नामक स्थान पर कर दिया गया। नेफा में कुछ समय तक सेवाएं देने के बाद आपको अपने बड़े भाई की जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए एक माह के अवकाश पर भवाल गांव आना पड़ा। भवाल गांव में दो माह से अधिक समय तक निरंतर जनता के बीच रहने से यहाँ की दयनीय परिस्थतियों को आपने भांप कर इस क्षेत्र को पिछडेपन से मुक्ति दिलाने के लिए शिक्षा के प्रचार-प्रसार को महत्व देते हुए त्यागमूर्ति गणेश जी ने केन्द्रियसेवा का परित्याग कर आजीवन कटारेपन के संकल्प के साथ अपने आपको समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया 1959 से रूरल इन्स्टीट्यूट 1965 से सैकण्डरी एवं सीनियर सैकण्डरी तथा 1985 में शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की स्थापना की एवं इसमें समस्याप्रधान बालकों के जीवन में सुधार कर उन्हे भावी जीवन हेतु पथ प्रदर्शित किया। जनता आपको भाईसाहब के स्नेहिल सम्बोधन से पुकारती है। गणेश जी भाई साहब दिनांक 21 फरवरी 1987 को पंचतत्व में विलीन हो गये ।•ग्राम-जसनगर भाईसाहब के विश्वासपात्र अनुयायियों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि भाईसाहब के सपनों को पूरा करने के लिए उनकी स्मृति में एक नई संस्था स्थापित की जाए। तदनुसार श्री गणेश सेवा समिति, जसनगर का गठन कर इसके अधीन जिला-नागौर में श्री गणेशचन्द्र विद्या आश्रम नामक आवासीय शिक्षण संस्था की स्थापना जुलाई 1988 में कर दी गई। सन् 2006 से यह शिक्षण संस्था उच्च माध्यमिक विद्यालय के स्तर पर संचालित हो रही है। इसी क्रम में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढते हुए सन् 2008 में श्री गणेशचन्द्र शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय (सहशिक्षा) की जसनगर में स्थापना हुई। यह महाविद्यालय सन् 2008 से लेकर अब तक अपने उद्देश्यों की पूर्ति करता आ रहा है। अब सेवा समिति बालिकाओं के उच्च शिक्षा के लिए प्रयासरत है।